Shiv Ke Saat Rahasya By Devdatta Pattanayak ( शिव के सात रहस्य : देवदत्त पट्टनायक)
Shiv Ke Saat Rahasya By Devdatta Pattanayak ( शिव के सात रहस्य : देवदत्त पट्टनायक)
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हिन्दुओं के अनगिनत देवी-देवताओं में से शिव सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। महादेव के नाम से भी जाने जानेवाले शिव, विष्णु और ब्रह्मा के साथ हिन्दू देवताओं के त्रिमूर्ती माने जाते हैं। शिव के अनेक रूप हैं: कहीं तो वह कैलाश पर्वत की बर्फीली चोटी पर बैठे अपने पर नियंत्रण रखनेवाले एक ब्रम्हचारी योगी हैं जो दुनिया का विनाश करने की क्षमता रखते हैं तो दूसरी ओर अपनी पत्नी और पुत्रों के साथ गृहस्थ आश्रम का आनन्द भोगते हुए गृहस्थी हैं। इनमें से कौन-सा है शिव का वास्तविक रूप ? माथे पर तीसरी आँख, गर्दन में सर्प, शीश पर अर्द्धचन्द्र, केशों से बहती गंगा, हाथों में त्रिशूल और डमरू-इन सब प्रतीकों का क्या अर्थ है? शिव के अनेक रूप और प्रतीकों के पीछे छिपे हैं हमारे पौराणिक अतीत के अनेक रहस्य जिनमें से सात को समझने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।
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